सुई का निशान , मेरा आस्तीन का दोस्त !!
छपा हुआ है सदियों से ।
बड़ा हुआ ये मेरे संग ।
जब पहली बार मिले थे हम
तो , हल्का हल्का दर्द दिया था ।
पल्खों पे लटके थे मोती ।
खुश्क गालों की तराई हुई थी ।
तब से अब तक , साथ है मेरे ।
अब से तब तक , साथ रहेगा ।
सुई का निशान , मेरा आस्तीन का दोस्त ।