सुई का निशान , मेरा आस्तीन का दोस्त !!
छपा हुआ है सदियों से ।
बड़ा हुआ ये मेरे संग ।
जब पहली बार मिले थे हम
तो , हल्का हल्का दर्द दिया था ।
पल्खों पे लटके थे मोती ।
खुश्क गालों की तराई हुई थी ।
तब से अब तक , साथ है मेरे ।
अब से तब तक , साथ रहेगा ।
सुई का निशान , मेरा आस्तीन का दोस्त ।
4 comments:
क्या बात है!!
I like it, n nakul yaar tumhare comments to post karo
dostee to wahi hai saab , jo is nishaan ki tarah ho , phir wo chahe motee ban kar galon ki taraee kare , ya lehlahati fasal ki tarah chehre par khil jaye , bas..... jane tak.... asteen..... par.... honee chahiye........
tike(polio wala,,, ya na jane kon sa waala) ki baat kari hai...
sada saath me hai meri asteen ke ander chipa hua... bhopal me bhi dubai me bhi.....
bhai wah kya dost hai!!!
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