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Monday, January 26, 2009

झुला!

झुला झूले साये साये ।
झूल झूल सिरे खुल जाएँ ।
सब मुखोटे छु हो जाएँ ।
हवा माथे से जब टकराए ।
माथे पे खिचे बल मिट जाएँ ।
डर ,मज़ा ,चीख ,पुकारें ।
चलो , बचपन की सैर कर आयें ।
झुला झूले साये साये ।

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