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Monday, February 9, 2009

क्या पता ?

पड़ी हुई सिलवटें ।
रेत पे छपी हुई ।
रुकी हुई सी लहर ।
मोम सी जमी हुई ।
डेरा रेत का बना ।
फुक सी हवा चली ।
सब उदा बना हुआ ।
ढूंड ले गली गली ।
फिर कहीं कहर हुआ है ?
या किसी का घर बना है ?
फिर कहीं कहर हुआ है ?
क्या पता?

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